देश दुनिया

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया ट्वीट – कांग्रेस की सरकार आने पर शिक्षकों से होगा न्याय । छत्तीसगढ़ के शिक्षकों ने लिखा – यहां तो आपकी सरकार फिर क्यों हो रहा अन्याय ?

खबर को शेयर करें

भोपाल:- सत्ता से दूरी नेताओं को पीड़ितों के करीब ला देती है और सत्ता में आते ही नेता को वह पीड़ित सौदेबाज नजर आने लगते हैं । कुछ ऐसा ही हाल शिक्षकों का भी है जब तक कमलनाथ मुख्यमंत्री की कुर्सी पर थे तब तक उन्हें शिक्षक हित नजर नहीं आया और अब उन्हें शिक्षकों की चिंता सताने लगी है यही वजह है कि उन्होंने ट्वीट करके कहा

मध्य प्रदेश का शिक्षक अध्यापक एवं गुरु जी संवर्ग निरंतर अपनी मांगों के लिए आंदोलनरत है ।

मध्य प्रदेश के शिक्षक अध्यापक एवं गुरु जी संघ के प्रतिनिधि मुझसे भी भेंट कर अपनी समस्याओं और मांगों से अवगत करा चुके हैं ।

मैं आश्वासन देता हूं कि कांग्रेस की सरकार आने पर शिक्षक अध्यापक एवं गुरुजी संवर्ग की मांग और समस्याओं पर न्याय कर उनका हल निकाला जाएगा ।

इधर इस ट्वीट पर मध्य प्रदेश के शिक्षकों की नाराजगी तो सामने आई है छत्तीसगढ़ के शिक्षकों ने भी रोचक अंदाज में कमलनाथ के सामने चुनौती रख दी । छत्तीसगढ़ के शिक्षक नेता शेषनाथ पांडे ने लिखा कि

छत्तीसगढ़ में आपकी ही पार्टी की सरकार है छत्तीसगढ़ के शिक्षक मध्य प्रदेश के शिक्षक संवर्ग की तुलना में 25 प्रतिशत कम वेतन पा रहे हैं उनकी समस्याओं की निराकरण के लिए आपके द्वारा कोई प्रयास किया जा सकता है तो हमें सचमुच लगेगा कि आपकी पार्टी शिक्षकों के हित में है ।

छत्तीसगढ़ में गरमाया हुआ है वेतन विसंगति का मुद्दा

दरअसल छत्तीसगढ़ में वेतन विसंगति का मुद्दा जोरों पर है । वेतन विसंगति यानी वह मुद्दा जिसे स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्ष में रहते हुए हवा दी थी और आज वही मुद्दा उनके गले की फांस बन गया है । पिछले 5 सालों में यदि किसी वर्ग में सबसे अधिक आंदोलन करके सरकार की परेशानी बढ़ाई है तो वह छत्तीसगढ़ के सहायक शिक्षक हैं जिन्होंने सरकार को एक बार नहीं बल्कि कई बार अपनी ताकत दिखाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी । छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले वहां के सहायक शिक्षकों ने जमकर आंदोलन किया और सरकार को कई बार बैक फुट में धकेला। लेकिन सरकार के तारणहार रिटायर्ड आईएएस आलोक शुक्ला ने बहुत ही चालाकी से इस पूरे मुद्दे को यूं शांत कराया कि चुनाव के ठीक पहले जब सबसे अधिक मामला गरमाना था उस समय छत्तीसगढ़ के शिक्षक शांत है दरअसल कई नेताओं की कमजोरी अब अधिकारियों के हाथ में हैं । सबसे पहले सरकार ने कमेटी की घोषणा करके मामले को शांत कर दिया उसके बाद डेढ़ साल में भी कमेटी ने कोई निर्णय नहीं दिया और कमेटी के भरोसे आंदोलन समाप्त होते रहे उसके बाद सरकार ने प्रमोशन का दांव खेला और 40% शिक्षकों को प्रमोशन देकर मामले को शांत कर दिया । जिन शिक्षक नेताओं को प्रमोशन मिल गया उनके सुर बदलने लगे और धीरे-धीरे वह संगठन से भी किनारे होते चले गए बचे खुचे नेता अपनी तरफ से प्रयास करते रहे पर कुछ मामलों में उनकी दुखती रग सरकार ने पहचान ली है और अब स्थिति यह है कि वह नेता किसी प्रकार का बड़ा प्रदर्शन करने की स्थिति में है ही नहीं यहां तक की आम शिक्षक जब सरकार के विरुद्ध खड़े होने की बात करते हैं तो वही नेता उन्हें शांत करने में लग जा रहे हैं सीधी सी बात है कि मामला संगीन है । ऐसे में कमलनाथ के ट्वीट ने वहां के शिक्षकों को भी उद्वेलित कर दिया है यही वजह है कि छत्तीसगढ़ के कई शिक्षको ने कमलनाथ के ट्वीट पर लिखा कि जहां आपकी पार्टी की सरकार है वहां तो न्याय कीजिए फिर बाद में जहां आएंगे वहां कीजिएगा । दरअसल मध्य प्रदेश में जहां शिक्षकों को क्रमोन्नति तक मिल गई पूर्व सेवा की गणना हो गई वही छत्तीसगढ़ के शिक्षक 2018 से ही शासकीय कर्मचारी माने जा रहे हैं और क्रमोंन्नति की तो वहां कोई बात ही नहीं हो रही है ऐसे में भले ही कमलनाथ का ट्वीट मध्य प्रदेश के कुछ शिक्षकों को लुभावाना लगा हो लेकिन छत्तीसगढ़ के शिक्षकों को यह पता है की सत्ता के बाहर रहने और सत्ता के अंदर आने के बाद के नेताओं के सुर में जमीन आसमान का अंतर रहता है क्योंकि आज जो मुख्यमंत्री हैं कभी उन्होंने ही कहा था कि सहायक शिक्षक का वेतन शिक्षकों और व्याख्याता की तुलना में बहुत कम है और यदि हमारी सरकार बनी तो इस खाई को पाटा जाएगा ।

Related Articles

Back to top button