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गजब DPI ! महीनो बाद सीनियारिटी लिस्ट जारी की उसमें भी भारी चूक, कई ब्लॉक के शिक्षकों का नाम सूची से गायब ! ऐसे पीडीएफ जारी की जो किसी काम का नहीं

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शिक्षकों और मातहत कर्मचारियों को अनुशासन का पाठ पढ़ने और कार्रवाई का डंडा दिखाने वाले लोक शिक्षण संचालनालय का खुद का काम इतना लचर पचर है की पूछिए मत…. महीनो बाद ले देकर शिक्षकों की वरिष्ठता सूची जारी की वह भी तब जब शिक्षक स्वयं बार-बार जाकर अधिकारियों को इस बात की याद दिलाते रहे कि प्रदेश में केवल सहायक शिक्षक बस का प्रमोशन नहीं होना है बल्कि शिक्षक भी उसे दौड़ में शामिल हैं और उनके लिए भी 3 वर्ष की शिथिलता का नियम कैबिनेट से पास हुआ है लेकिन जब सूची जारी हुई तो शिक्षकों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और इसके पीछे की वजह भी जायज है । प्रदेश के ऐसे कई ब्लॉक हैं जहां के शिक्षकों का नाम वरिष्ठता सूची में से गायब है और डीपीआई ने अपनी तरफ से इसे अंतिम वरिष्ठता सूची बताते हुए जारी किया है सबसे मजेदार बात यह है कि जो पीडीएफ डीपीआई द्वारा जारी किया गया है वह इतना अधिक धुंधला है कि ढंग से कर्मचारियों को अपना नाम भी नजर नहीं आ रहा है बावजूद उसके पदोन्नति के दौड़ में शामिल शिक्षको ने जैसे तैसे 404 पेज के लिस्ट को खंगाल तो पता चला कि उनके ब्लॉक के तो किसी शिक्षक का नाम ही नहीं है यानी पूरे ब्लॉक के शिक्षकों का नाम ही सूची से गायब हो गया है जब संभाग कार्यालय से सूची जारी हुई थी तब भी ऐसा ही बवाल मचा था और बिल्हा ब्लॉक समेत कई ब्लॉक के शिक्षकों का नाम सूची से गायब था बेचारे शिक्षक हैरान परेशान होते रहे और अंत में फिर से कार्यालय पहुंचकर दावा आपत्ति सौंपी,इधर निचले कार्यालय ने शिक्षकों को बाद में पूछने पर यह कह कर चला कर दिया कि राज्य कार्यालय को सूची भेज दी गई है और जब अभी राज्य कार्यालय से सूची जारी हुई है तब भी वही हाल है कई ब्लॉक के शिक्षकों का नाम गायब है कुल मिलाकर विभाग की कार्यप्रणाली ऐसी है की पदोन्नति हो ही न पाए क्योंकि यदि इस सूची के जरिए पदोन्नति करने की कोशिश की गई तो जिन शिक्षकों का नाम गायब है वह न्यायालय चले जाएंगे और मामला फिर फंस जाएगा और यदि सूची में सुधार करने के लिए फिर से बैठते हैं तो समय लगना स्वाभाविक है

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