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लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी का मास्टर स्ट्रोक…. देश में लागू हुआ CAA…. इन्हें होगा बड़ा लाभ

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नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार का यह बड़ा कदम है. इसके तहत अब तीन पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता मिल सकेगी. इसके लिए उन्हें केंद्र सरकार द्वारा तैयार किए गए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन करना होगा। दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने सीएए को अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था. इसे पार्टी ने बड़ा मुद्दा बनाया था. गृह मंत्री अमित शाह हाल ही के अपने चुनावी भाषणों में कई बार नागरिकता संशोधन कानून या CAA को लागू करने की बात कर चुके थे।

उन्होंने ऐलान किया था कि लोकसभा चुनाव से पहले इसे लागू कर दिया जाएगा. अब केंद्र सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी करते हुए इसे लागू कर दिया है। सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और इसे पहले ही राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है. कानून को लागू करने और क्रियान्वयन के लिए नियम जरूरी हैं. गृह मंत्रालय ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. एक अधिकारी ने बताया कि आवेदकों को घोषित करना होगा कि वे किस वर्ष बिना यात्रा दस्तावेजों के भारत में आए थे. आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा. कानून के अनुसार सीएए के तहत तीनों पड़ोसी देशों के बिना दस्तावेज वाले अल्पसंख्यकों को लाभ मिलेगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 27 दिसंबर को कहा था कि कोई भी सीएए के क्रियान्वयन को नहीं रोक सकता, क्योंकि यह देश का कानून है।

आखिर क्या है CAA

CAA का मतलब होता है “सांख्यिकीय अनुशासन (संशोधन) अधिनियम”। यह भारतीय संविधान का एक संशोधन है जो 2019 में पारित किया गया था। CAA का मुख्य उद्देश्य था कि वह भारत में विभिन्न धर्मों के लोगों को नागरिकता प्रदान करें, जो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़गानिस्तान से 2014 तक आये थे और वहाँ के धर्ममुक्ती या अन्य कारणों से परेशानी में थे।

CAA के द्वारा इस प्रस्तावित नागरिकता संशोधन अधिनियम के तहत, हिन्दू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का विकल्प दिया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि जिन लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा है और जो भारत में आश्रय लेना चाहते हैं, उन्हें नागरिकता के अधिकार प्राप्त करने में सुविधा मिले।

CAA को लेकर विवाद भी उठा है, कुछ लोगों का मानना है कि यह धार्मिक आधार पर नागरिकता प्रदान करने के सिद्धांत के खिलाफ है और यह संविधानिक मूल्यों के खिलाफ है। इसके प्रविष्टि और प्रयोजन को लेकर विभिन्न धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक और कानूनी विवाद हैं।

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