CHHATTISGARHसरकारी हलचल
आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद कर्मचारियों को इन नियमों का करना होगा पालन अन्यथा हो सकती है निलंबन की कार्यवाही ….शासकीय कर्मचारी ध्यान से देख लें इन नियमों को ।
छत्तीसगढ़ में चुनाव के तारीखों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है जिसके पालन की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी शासकीय कर्मचारियों की होती है क्योंकि यही वह कर्मचारी हैं जिनके कंधे पर पूरे चुनाव की जिम्मेदारी होती है । ऐसे में कर्मचारियों के मन में सदैव इस बात को लेकर संशय रहता है की कौन सी बात उन्हें आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन के कैटेगरी में ले जाएगी तो यदि आप शासकीय कर्मचारी है तो इन बातों का विशेष तौर पर ध्यान रखें ।
- शासकीय कर्मचारी को किसी भी प्रत्याशी और राजनैतिक दल से पूर्णत: दूरी बनाए रखनी होती है । ऐसे में आपका किसी विधानसभा उम्मीदवार के साथ नजर आना , उनके निवास या कार्यालय में दिखाई देना या फिर किसी राजनीतिक दल के कार्यालय में नजर आना सीधे तौर पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है ।
- किसी भी विधानसभा प्रत्याशी के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन की मांग करना फिर वह चाहे व्हाट्सएप फेसबुक जैसे सोशल मीडिया माध्यम हो या डोर टू डोर , आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है ।
- अपने घर में किसी राजनीतिक पार्टी का झंडा लगाना या किसी प्रकार की राजनीतिक बैठक का आयोजन करना या किसी अन्य के घर में आयोजित ऐसे कार्यक्रम में हिस्सा लेना शासकीय कर्मचारी के लिए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाता है।
- अपने वाहन में किसी प्रकार का चुनाव प्रचार सामग्री रखना, राजनीतिक दल का चुनाव चिन्ह लगवाना या चुनाव प्रचार के लिए आए सामग्री का वितरण करते हुए पाए जाना निलंबन का आधार बन सकता है
- आचार संहिता लगते ही किसी भी शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारियों को अवकाश में जाने एवं मुख्यालय छोड़ने की अनुमति सिर्फ और सिर्फ जिला निर्वाचन अधिकारी के परमिशन से ही मिल सकती है विभागीय अधिकारियों के सारे अधिकार समाप्त हो जाते हैं ऐसे में यदि किसी कर्मचारी को छुट्टी लेनी हो तो उसे जिला निर्वाचन अधिकारी यानी कलेक्टर से परमिशन लेनी होगी ।
- यदि कोई शासकीय सेवक किसी जनप्रतिनिधि के कार्यालय में उनके सहयोगी के रूप में संलग्न है तो तत्काल उसे कार्यमुक्त हो जाना चाहिए क्योंकि उनके कार्यालय या आवास में पाए जाने की स्थिति में उन पर कार्रवाई होना तय है ।
- इसके अतिरिक्त निर्वाचन संबंधी किसी भी प्रकार की ड्यूटी में अनियमितता और लापरवाही भी निलंबन का कारण बनता है ।
हालांकि कई बार ऐसी भी स्थिति उत्पन्न होती है जिसमें शासकीय कर्मचारी के परिजन ही विधानसभा चुनाव के उम्मीदवार होते हैं ऐसे में स्वाभाविक रूप से वह एक ही स्थान पर निवास करेंगे जो कि नियमों के विरुद्ध नहीं होता किंतु उनकी किसी प्रकार की संलिप्तता चुनाव कार्यक्रम में नहीं होनी चाहिए इस बात का ध्यान रखना होता है ।