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फर्जी अंकसूची मामले में जेल की सजा काटकर बर्खास्त हुई महिला शिक्षा कर्मी ने फसाया था BEO को…. ACB के हाथों ट्रैप हुए BEO को हाईकोर्ट से मिला न्याय… सभी मामलों में हुए बाइज्जत बरी

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फर्जी मामलों की शिकायत होने के बाद भी अधिकारी ऐसे मामलों की जांच करने से क्यों बचते हैं यह समझना हो तो बिलाईगढ़ के विकासखंड शिक्षा अधिकारी रोहित कुमार देवांगन का मामला देखिए जिन्हें फर्जी कूट रचना करने वाली महिला शिक्षाकर्मी ने एक ऐसे मामले में फसाया की उन्हें उस दोष मुक्त होने के लिए 15 साल लड़ाई लड़नी पड़ी सोच कर देखिए उनके निजी जीवन पर इसका क्या प्रभाव पड़ा होगा लेकिन सत्य कभी हारता नहीं यूं ही नहीं कहा गया है यही वजह है कि आखिरकार हाईकोर्ट से तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी रोहित कुमार देवांगन को न्याय मिला जिसकी चर्चा अब चारों तरफ है ।

अनुविभाग मुख्यालय बिलाईगढ़ के अंतर्गत विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एंटी करप्शन ब्यूरो के द्वारा रिश्वत मामले में पकड़े गए तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी को हाई कोर्ट ने उनके समस्त आरोपों से मुक्त कर दिया है।यह मामला वर्ष 2008 का है। अनुविभाग मुख्यालय बिलाईगढ़ के अंतर्गत विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ शिक्षा अधिकारी रोहित कुमार देवांगन के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो के द्वारा रिश्वत मामले में प्रकरण दर्ज किया गया था, जिन्हें उच्च न्यायालय बिलासपुर ने उनके समस्त आरोपों से मुक्त कर दिया है ।

फर्जीवाड़े में सजा काट चुकी है शिकायतकर्ता

एंटी करप्शन ब्यूरो ने तब शिकायतकर्ता से 5000 रूपये रिश्वत लेने के मामले में रिपोर्ट दर्ज किया था, जबकि शिकायतकर्ता स्वयं फर्जी अंक सूची में कूट रचनाकर शिक्षाकर्मी वर्ग 3 की नौकरी कर रही थी लेकिन मामला उजागर होने पर नौकरी से बर्खास्त होकर 3 वर्ष 5 माह 08 दिन सजा काट चुकी है। सुनवाई के दौरान यह खुलासा हुआ कि खंड शिक्षा अधिकारी को षडयंत्र पूर्वक फंसा कर परेशान किया गया, जिसके बाद तत्कालीन शिक्षा अधिकारी रोहित कुमार देवांगन को उच्च न्यायालय ने समस्त आरोपों से बरी कर दिया है। उच्च न्यायालय ने तत्कालीन विकासखंड शिक्षा अधिकारी रोहित देवांगन को आरोप से मुक्त कर दिया। रिश्वतखोरी के मामले में इस तरह शिक्षा अधिकारी का बरी हो जाना दर्शाता है कि षड्यंत्रपूर्वक भी ऐसे मामले तैयार किये जाते हैं।

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