कमिश्नर की एक रिपोर्ट से निलंबित हो गए जेडी और हजारों शिक्षकों का हो गया संशोधन निरस्त…. अब वही कमिश्नर करने लगे शिक्षकों का जिला बदलकर अटैचमेंट……. स्कूल शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को ठेंगा दिखाकर शिक्षक का जिला बदलना कितना सही ?
प्रदेश में शिक्षकों के मामले में आयुक्त की भूमिका यूं तो कुछ खास नहीं होती लेकिन पदोन्नति संशोधन मामले में शासन ने पूरी जांच कमिश्नर से ही कार्रवाई और कमिश्नर के ही रिपोर्ट पर जेडी नप गए और हजारों शिक्षकों के दिन रात का चयन खो गया और वह न्यायालय के चक्कर लगाने को मजबूर हो गए । उन्हें कमिश्नर में से एक सरगुजा कमिश्नर के कार्यालय से जारी हुआ एक आदेश वायरल हो रहा है जिसके अनुसार कमिश्नर ने बलरामपुर में कार्यरत एक शिक्षिका नीलम पाण्डेय का अटैचमेंट यानी सलग्नीकरण उनके जिले से बदलकर कोरिया जिले में कर दिया है । प्रथम दृष्टया ही कोई भी इस आदेश को देखकर चौंक जाएगा क्योंकि संलग्नीकरण ब्लॉक या जिले के अंदर नहीं बल्कि संभाग के अंदर हुआ है और सरगुजा कमिश्नर में अपने पावर का प्रयोग करते हुए सीधे जिला परिवर्तन ही कर दिया है , यह मामला महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि अभी कुछ दिनों पहले ही डीपीआई ने आदेश जारी करके सभी प्रकार के अटैचमेंट को समाप्त करने रिपोर्ट ऊपर भेजने को कहा है और वह भी 1 साल पहले जारी हुए आदेश के परिपालन में हैं जिसमें शिक्षकों के सभी प्रकार के अटैचमेंट को समाप्त किया गया था ऐसे में 15 सितंबर को जारी हुआ यह आदेश स्कूल शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को ठेंगा दिखाने जैसा भी है । देखे आदेश