क्या आचार संहिता के बीच में सरकार को है पदोन्नति का अधिकार ? क्या सच में अक्टूबर में हो सकती है शिक्षकों की पदोन्नति ! जाने नियमों के साथ पूरा सच
प्रदेश में एक तरफ सहायक शिक्षक अपनी वेतन विसंगति की मांग को लेकर मुखर है तो दूसरी तरफ शिक्षक व्याख्याता के पद पर पदोन्नति की मांग को लेकर मंत्रालय के चक्कर काट रहे हैं और दोनों ही पक्षों को उनके द्वारा किए जा रहे दावे के अनुसार अक्टूबर में पदोन्नति की सौगात की बात कही जा रही है । राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों से जो खबरें निकलकर आ रही हैं उसके मुताबिक 10 अक्टूबर से पहले आचार संहिता लग जाने की उम्मीद है तो क्या ऐसे में शिक्षकों को पदोन्नति की सौगात मिल पाएगी या फिर उनकी यह सौगात आचार संहिता की भेंट चढ़ जाएगी तो हम बता दें कि आमतौर पर नई नियुक्ति और पदोन्नति दोनों पर ही आचार संहिता लगते ही रोक लग जाती है लेकिन प्रशासन विशेष परिस्थितियों में चुनाव आयोग से परमिशन लेकर पदोन्नति कर सकता है पर आमतौर पर ऐसा परमिशन कुछ पदों के लिए ही मिलता है लेकिन शिक्षकों के मामलों में हजारों पदों पर पदोन्नति होनी है ऐसे में यह नहीं लगता कि इतने बड़े मामले को लेकर भारत निर्वाचन आयोग सरकार को इसकी अनुमति देगा । आचार संहिता लगने के बाद विभाग को भी यह कहते बन जाएगा कि हम तो करना चाहते थे लेकिन भारत निर्वाचन आयोग से परमिशन नहीं मिली तो कुल मिलाकर यह मामला खटाई में पड़ सकता है जिसकी प्रबल संभावना है । सहायक शिक्षकों को शिक्षक बनने में एक पेंच और भी है और वह यह की शिक्षक के लिए जितने भी पद रिक्त हैं उसमें 50% पद नई भर्ती से भरे जाने हैं और 50% पदोन्नति से , ऐसे में सारे पदों को पदोन्नति से भरा जाना भी आसान नहीं है और इसके लिए राजपत्र में परिवर्तन करना होगा जिसमें समय लगेगा तो कुल मिलाकर सब कुछ इतना आसान नहीं है जितना दिख रहा है या शिक्षक नेता समझ रहे हैं ।