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प्रमोशन संशोधन मामले में अब दोषियों पर कसेगा कानून का शिकंजा ! मंत्री रविंद्र चौबे ने दिखाई सरकार में अपनी ताकत, संशोधन करवाया निरस्त अब FIR की बारी

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प्रमोशन संशोधन मामले में अब दोषियों पर कसेगा कानून का शिकंजा ! मंत्री रविंद्र चौबे ने दिखाई सरकार में अपनी ताकत, संशोधन करवाया निरस्त अब FIR की बारी

प्रदेश में 2723 सहायक शिक्षकों के संशोधन को निरस्त कर शिक्षा विभाग के नए मंत्री रविंद्र चौबे ने यह बात तो साबित कर दी की सरकार में उनका दबदबा अभी सबसे अधिक है क्योंकि स्वयं सरकार के विधायकों और उनसे जुड़े कई जनप्रतिनिधियों ने ठीक चुनाव के पहले होने वाले संशोधन निरस्तीकरण को लेकर सरकार से यह गुजारिश की थी कि संशोधन को निरस्त न किया जाए लेकिन पहले दिन से ही मंत्री रविंद्र चौबे ने यह स्पष्ट कर दिया था कि संशोधन निरस्त होगा ही यहां तक की जो शिक्षक संगठन और आम शिक्षक उनके पास पहुंचे थे उन्हें भी उन्होंने दो टूक जवाब देकर लौटा दिया था की संशोधन निरस्त होगा ही उसके बाद लंबे समय तक इस मामले में विभाग की खामोशी बनी रही तो यह माना जाने लगा था कि मुख्यमंत्री कार्यालय से कार्रवाई को लेकर हरी झंडी नहीं मिली तो अब किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं होगी और मामला सेट हो गया है लेकिन उसके बाद अचानक से कार्रवाई में तेजी आई न्यायालय में केविएट दाखिल किया गया और कल देर शाम 2723 शिक्षकों पर गाज गिरा दी गई । मंत्री रविंद्र चौबे ने मीडिया के समक्ष 2 से 3 बार यह बात कही थी कि इस मामले में संशोधन निरस्त होगा और दोषियों पर एफआईआर दर्ज होगी तो यह भी माना जा रहा है कि अब अगली कार्रवाई इस मामले में लिप्त होने वाले अधिकारी कर्मचारी पर कानूनी शिकंजा कसने की है ।

क्या होगा अगला कदम , कौन करेगा जांच

सूत्रों के हवाले से जो जानकारी निकाल कर आई थी उसके मुताबिक संशोधन निरस्तीकरण के साथ ही मामले की ईओडब्ल्यू यानी आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो से जांच के लिए मुख्यमंत्री से सहमति वाली फाइल भी मुख्यमंत्री के पास भेजे जाने की बात निकाल कर सामने आई थी लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उस फाइल पर मुख्यमंत्री ने हस्ताक्षर किए हैं कि नहीं लेकिन जानकारों का कहना है कि जब निरस्तीकरण के फाइल पर मुख्यमंत्री ने हस्ताक्षर कर दिए तो फिर कानूनी शिकंजे वाली फाइल पर साइन न करने का तो सवाल ही खड़ा नहीं होता क्योंकि उसमें कम लोग प्रभावित होंगे और उस मैसेज यह जाएगा कि सरकार दोषियों को बख्शेगी नहीं साथ ही सरकार को भी जनता के बीच यह संदेश देते बनेगा कि हमारी सरकार में गलत होने पर सख्त कार्रवाई की जाती है फिर वह चाहे कोई भी क्यों ना हो इसलिए अगली कार्रवाई पुलिसया होगी यह भी तय माना जा रहा है ।

शिकंजे में आएगा कौन…. किस पर है पुलिस की नजर

दरअसल यह मामला किसी से छिपा नहीं है और इसमें कौन-कौन लिपत है इसकी जानकारी भी सोशल मीडिया में तक सार्वजनिक है तो फिर विभाग और पुलिस को न होने की तो बात ही नहीं उठती , सूत्रों के हवाले से कई संभागों में तो पुलिस विभाग के स्पेशल ब्रांच ने अपनी इंटरनल रिपोर्ट तैयार करके भी सौंपी है जिसमें सबसे अधिक संशोधन वाले जिले का नाम विशेष रूप से शामिल है । इसका मतलब यह है कि सारी कार्रवाई की तैयारी पहले ही कर ली गई है और सरकार से हरी झंडी मिलते ही मामला दर्ज कर इस पर भी कार्रवाई शुरू हो जाएगी

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