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संशोधन मामले में शिक्षकों को बड़ा झटका , निरस्त हुआ पदोन्नति में जारी हुआ संशोधन आदेश , क्या अब भी बचा है शिक्षकों के पास कोई विकल्प !

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शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर सरकार ने बड़ा निर्णय लेते हुए पदोन्नति में हुए समस्त संशोधनों को निरस्त कर दिया है यह आदेश उन तमाम शिक्षकों के लिए बड़ा झटका है जिन्होंने हाल फिलहाल में पदोन्नति हासिल की थी और फिर अपनी पदस्थापना को संशोधन कराया था । यह बात किसी से छिपी नहीं है कि संशोधन के लिए शिक्षकों को मजबूरी अपने जेब से पैसे खर्च करने पड़े थे और अब वह तमाम संशोधन निरस्त हो गए हैं । इधर सरकार ने जो आदेश जारी किया है उसमें शिक्षकों को उनके मूल पदस्थापना स्थान यानी जो जगह उन्हें काउंसलिंग में मिली थी में कार्यभार ग्रहण करने के लिए 10 दोनों का समय दिया गया है साथ ही आदेश में इस बात का भी जिक्र है कि जिन शिक्षकों का आदेश निरस्त किया गया है उन्हें तत्काल प्रभाव से कार्य मुक्त किया जाता है यानी राज्य कार्यालय से आदेश जारी होते ही तकनीकी रूप से सभी शिक्षक कार्य मुक्त हो चुके हैं और उन्हें अब 10 दिनों के भीतर जिन स्थानो पर काउंसलिंग के दौरान उन्हें पदस्थापना मिली थी वहां पदस्थापना ग्रहण करनी होगी और यदि शिक्षक ऐसा नहीं करते हैं तो उनका पदोन्नति स्वमेव निरस्त माना जाएगा यानी एक तरफ कुआं और दूसरे तरफ खाई वाली व्यवस्था बन गई है । सरकार ने इस मामले में कैविएट भी दायर कर रखा है तो किसी प्रकार की फौरी राहत मिलने की उम्मीद भी नहीं है । कुल मिलाकर तमाम शिक्षकों को अब आनन फानन में यह फैसला करना होगा की उन्हें पदोन्नति लेनी है कि नहीं क्योंकि जिन्हें लेनी होगी वह तत्काल 10 दिनों के भीतर कार्यभार ग्रहण करेंगे और जो ऐसा नहीं करेंगे उनकी पदोन्नति निरस्त हो जाएगी यदि भविष्य में उन्हें कोर्ट से राहत मिलता है तब तो कुछ संभावना बचेगी वरना ऐसे शिक्षक अपने पदोन्नति से भी हाथ धो बैठेंगे । कुल मिलाकर शिक्षक दिवस के पहले सरकार ने शिक्षकों को बड़ा झटका दे दिया है जिससे उबर पाना बहुत से शिक्षकों के लिए काफी लंबे समय तक मुश्किल रहेगा ।

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