CHHATTISGARH

फर्जी नियुक्तियों से शिक्षा विभाग में हड़कंप…एक नेता की पत्नी तो दूसरे नेता के बेटे की नियुक्ति को लेकर उठे सवाल…अधिकारियों के पास कुछ और नियुक्तियों को भी लेकर भी हुई है शिकायत… हो सकता है बड़े रैकेट का खुलासा

खबर को शेयर करें

प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है पदोन्नति में हुए संशोधन से मचा बवाल अभी थमा भी नहीं की एक नए तूफान ने दस्तक दे दी है और यह फर्जी नियुक्तियों का मामला जिसकी जद में आए हैं छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा और शिक्षक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल शुक्ला….. छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा की पत्नी की नियुक्ति को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं और जिन दस्तावेजों के साथ इस मामले की शिकायत हुई है उसमें यह कहा गया है कि संजय शर्मा की धर्मपत्नी श्रीमती चंद्र रेखा शर्मा की नौकरी कूटरचित नियुक्ति आदेश और स्थानांतरण आदेश के जरिए हुई है और उसी आदेश के बदौलत उन्होंने सीधे जनपद पंचायत बिल्हा में आकर कार्यभार ग्रहण किया है और जो नियुक्ति आदेश नगर पंचायत पत्थलगांव के नाम से जारी किया गया है वह दरअसल कभी वहां से जारी हुआ ही नहीं है और न ही श्रीमती चंद्ररेखा शर्मा ने शासकीय प्राथमिक शाला दर्रापारा (उरांवपारा) में कभी अपनी सेवाएं दी हैं केवल कूटरचित दस्तावेजों के सहारे सीधे बिल्हा में आकर उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं । इसके लिए एक मजबूत दलील यह भी दी गई है कि श्रीमती शर्मा की दसवीं और बारहवीं की अंकसूची जो उनके द्वारा विभाग में जमा की गई है उन दोनों में ही वह तृतीय श्रेणी से उत्तीर्ण है ऐसे में सामान्य अनारक्षित महिला का जनपद पंचायत पत्थलगांव में सीधी भर्ती जो कि प्रतिशत आधार पर हुई थी में नौकरी पा जाना ही अपने आप में आश्चर्य का विषय है और साथ ही यह भी दावा किया गया है कि अन्य कर्मचारी जो उस साल नियुक्त हुए हैं वह सब 70% से अधिक वाले हैं तो फिर 45% से भी कम अंकों वाले श्रीमती चंद्ररेखा शर्मा की नियुक्ति हुई तो हुई कैसे ? ऐसा भी नहीं है कि उनके पास कोई विशेष योग्यता थी अपने 12वी के 26 सालों बाद तो उन्होंने स्नातक की डिग्री हासिल की है और एनआईओएस के जरिए d.el.ed किया है । डीपीआई ने इस शिकायत पर अब जांच की बात कही है ।

उधर गलत अनुकंपा नियुक्ति का मामला दुर्ग जिले से सामने आया है जहां देवव्रत शुक्ला नामक कर्मचारी को सहायक ग्रेड 3 के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी और वह शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मुक्तिधाम भिलाई में विगत 10 सालों से कार्यरत है और उनके पिता अनिल शुक्ला शिक्षक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं । बताया जाता है कि इस मामले में भी शिकायत राज्य सरकार से की गई थी जिसमें जांच के बाद नियुक्ति गलत होने की बात पाई गई और शासन ने 6 मार्च 2023 के जारी आदेश को निरस्त करने का निर्णय लिया उसके बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी ने राज्य कार्यालय के आदेश का पालन नहीं किया । इधर अब DEO का कहना है कि हमने कर्मचारी को अपना पक्ष रखने के लिए कहा है और उसके बाद आगे की कार्यवाही होगी । बिलासपुर में ऐसे ही मामलों में 9 कर्मचारी अपनी नौकरी से हाथ भी हो चुके हैं और अब दुर्ग में मामला सामने आया है साथ ही राज्य कार्यालय ने अपनी जांच में यह पाया है कि नियुक्ति गलत तरीके से हुई है ऐसे में मामला संगीन है ।

इधर सोशल मीडिया में अलग-अलग ग्रुपों में इस मामले को लेकर उठा पटक जारी है साथ यह भी कहा जा रहा है कि राज्य कार्यालय में कुछ और मामलों में लिखित शिकायत हुई है जिस पर जल्द ही कुछ कार्रवाई हो सकती है साथ ही कई ग्रुपों में कुछ और मामलों का भी खुलासा हो रहा है जिससे ऐसा लग रहा है कि आने वाले दिनों में इस पूरे मामले में कुछ और लोग भी जद में आ सकते हैं। ऐसे भी सरकार अभी सख्ती के मूड में है और इन दोनों मामलों ने फिर एक नई चर्चा को जन्म दे दिया है कि क्या सच में विभाग में बहुत से लोग बैक डोर एंट्री के जरिए अपना स्थान बना चुके हैं और क्या सरकार अब इन पर कार्यवाही का हौसला दिखा पाएगी ।

Related Articles

Back to top button