CGPSC घोटाला : उद्योगपति गोयल के बेटे-बहू की जमानत अर्जी खारिज

बिलासपुर हाईकोर्ट में जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच ने उद्योगपति गोयल के बेटे डिप्टी कलेक्टर बने शशांक गोयल और उसकी पत्नी भूमिका कटियार की जमानत याचिका खारिज कर दी है। बता दें कि सीबीआई ने दोनों आरोपियों को 6 दिसंबर 2024 को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने CGPSC घोटाले पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यह हत्या से भी ज्यादा जघन्य अपराध है क्योंकि, एक व्यक्ति की हत्या करने से केवल एक परिवार प्रभावित होता है। लेकिन, लाखों अभ्यर्थियों का करियर बर्बाद करने से पूरा समाज प्रभावित होता है।
CGPSC की 2020-2022 की भर्ती प्रक्रिया में बड़ी गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। भाजपा के सीनियर लीडर ननकीराम कंवर ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका भी लगाई थी। उन्होंने चयनित अभ्यर्थियों की सूची भी हाईकोर्ट को दी थी, जिसमें नेता, अधिकारी और रसूखदार कारोबारियों के रिश्तेदारों का सिलेक्शन किया गया।
क्या है CGPSC घोटाला?
यह घोटाला 2020 से 2022 के बीच आयोजित हुई छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की भर्ती प्रक्रिया से संबंधित है। इस भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद उठे थे, जिसमें डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य उच्च पदों पर चयनित लोगों के रिश्तेदारों के नाम सामने आए थे।
आरोप है कि सीजीपीएससी के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों, कांग्रेसी नेताओं और वरिष्ठ अधिकारियों के परिवारों के सदस्यों को नौकरी दिलवाने के लिए यह तरीके अपनाए। CBI ने इस मामले की जांच शुरू की और पहले ही CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और उद्योगपति श्रवण कुमार गोयल को गिरफ्तार कर लिया है।
2020 से 2022 की परीक्षाओं की जांच कर रही CBI
2020 और 2021 में CGPSC ने क्रमशः 175 और 171 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की थी। 2022 में हुई प्री-एग्जाम में 2,565 अभ्यर्थी पास हुए थे, जबकि मई 2022 में आयोजित मेन्स परीक्षा में 509 अभ्यर्थियों को सफलता मिली थी। इसके बाद, मई 2023 में 170 चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई। इस चयन प्रक्रिया में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं, जिनकी CBI जांच कर रही है।