जानें और क्या है खास : छत्तीसगढ़ में लागू हुई नई शिक्षा नीति NEP, ग्रेजुएशन में अब मिलेगा एग्जिट का ऑप्शन
रायपुर। आचार सहिता लागू होने से एक दिन पहले शुक्रवार के दिन विष्णुदेव साय सरकार ने छत्तीसगढ़ में नई शिक्षा नीति(2020) लागू कर दी है। इससे प्रदेश की शिक्षा नीति में बड़ा बदलाव आ जायेगा।
इस नीति में क्या है खास?
नई शिक्षा नीति में तय किया गया है कि राज्य सरकार नई शिक्षा नीति में जरूरत के हिसाब से बदलाव कर सकते हैं। नई शिक्षा नीति की विशेषताएं इस प्रकार हैंः
– नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय अब एजुकेशन मिनिस्ट्री के नाम से जाना जाएगा।
– नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5+3+3+4 पैटर्न फॉलो किया जाएगा, इसमें 12 साल की स्कूल शिक्षा होगी और 3 साल की फ्री स्कूल शिक्षा होगी।
– नई शिक्षा नीति के तहत स्कूल में 5वीं तक शिक्षा मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में दी जाएगी।
– छठी कक्षा से बिजनेस इंटर्नशिप स्टार्ट कर दी जाएगी।
– नई शिक्षा नीति आने के बाद छात्र कोई भी सब्जेक्ट चुन सकते हैं और फिजिक्स के साथ अकाउंट या फिर आर्ट्स का भी सब्जेक्ट पढ़ सकते हैं।
– छात्रों को छठी कक्षा से कोडिंग सिखाना भी शामिल है।
– सभी स्कूल डिजिटल इक्विटी किए जाएंगे।
– वर्चुअल लैब डेवलप की जाएंगी।
– ग्रेजुएशन में 3 या 4 साल लगता है, जिसमें एग्जिट ऑप्शन होंगे। यदि स्टूडेंट्स ने एक साल ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है तो उसे सर्टिफिकेट मिलेगा और 2 साल बाद एडवांस डिप्लोमा।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की आवश्यकता
2020 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आने तक, भारतीय शिक्षा प्रणाली में कई खामियां थीं। इसमें अवधारणाओं को समझने की तुलना में याद रखने को अधिक प्राथमिकता दी गई थी। साथ ही, कई बोर्डों की मौजूदगी भी एक बड़ा मुद्दा था। हर बोर्ड में अलग-अलग कौशल के लिए अलग-अलग सीखने के तरीके थे, और फिर प्रत्येक छात्र को एक ही मान्य बोर्ड की परीक्षा देनी होती थी।
इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षों में, पारंपरिक विषयों को सीखने पर अधिक जोर दिया गया था और व्यावसायिक कौशल विकसित करने पर कम। नई शिक्षा नीति में भारतीय शिक्षा प्रणाली की सभी कमियों और सीमाओं का ध्यान रखा गया है। इसके अलावा, नीति का उद्देश्य व्यावसायिक और औपचारिक शिक्षा के बीच अंतर को पाटना है।
नई शिक्षा नीति 2020 की प्रगति की निगरानी पांच विषयों के माध्यम से की जाएगी, अर्थात: शिक्षार्थी-केंद्रित शिक्षा, डिजिटल लर्निंग, उद्योग-संस्थान सहयोग, शैक्षणिक अनुसंधान और अंतर्राष्ट्रीयकरण, और भारतीय ज्ञान प्रणाली। बता दें कि कर्नाटक 2021 में नई शिक्षा नीति, 2020 लागू करने वाला देश का पहला राज्य है।