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आरक्षण नीति के तहत नही मिला 5% छूट का लाभ तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाया अभ्यर्थियों ने….वहां से जीते फिर भी नही मिला विभाग से न्याय…अब मंत्रियों से मिलकर लगाई गुहार

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शिक्षक भर्ती परीक्षा 2019 में आरक्षण नीति के तहत ST/SC/OBC/PH को 5% छूट प्रदान कर नियुक्ति देने हेतु उच्च न्यायालय के फैसले के बाद याचिकाकर्ताओं के बार-बार निवेदन करने के बाद भी स्कूल शिक्षा विभाग, लोक शिक्षण संचालनालय एवं कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी, रायपुर द्वारा किसी प्रकार के आवश्यक कार्यवाही नहीं होने पर सभी याचिकाकर्ताओं ने स्कूल-शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के निवास में सौजन्य मुलाकात कर समस्याओं से अवगत कराने पर जल्द कार्यवाही कर नियुक्ति देने हेतु सक्षम अधिकारियों को निर्देशित करने एवं किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार होने पर दोषियों पर दण्डात्मक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है। इसी तारतम्य में इनके द्वारा उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा एवं वित्तमंत्री ओ.पी. चौधरी जी से भी मुलाकात किया गया।


गौरतलब हो कि स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक, शिक्षक एवं व्याख्याता के 14580 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए छ.ग. व्यावसायिक परीक्षा मंडल ने 9 मार्च 2019 को विज्ञापन जारी किया था। परीक्षा परिणाम के बाद याचिकाकर्ताओं को मेरिट के आधार पर दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया। दस्तावेज सत्यापन के समय कई अभ्यर्थियों को 12वीं एवं स्नातक में 50 प्रतिशत से कम अंक होने के कारण अपात्र कर दिया गया। इसके खिलाफ कुछ उम्मीदवारों ने मान. उच्च न्यायालय में याचिका लगाई थी, जिसमें मान. उच्च न्यायालय ने 10 फरवरी 2023 को सुनवाई करते हुए उम्मीदवारों को आरक्षण निति के तहत् ST/SC/OBC/PH को 5% छूट प्रदान करते हुए नियुक्ति देने का फैसला दिया था।


अभ्यर्थियों का कहना है की फैसले के आधार पर 02 अभ्यर्थियों को 21 मार्च 2023 को नियुक्ति प्रदान कर दिया गया एवं शेष अभ्यर्थियों को वैलिडिटी 31 मार्च 2023 को समाप्त हो जाना बताया गया, इनकी समस्या तब और ज्यादा हो गई, जब शिक्षक भर्ती परीक्षा 2023 हेतु 04 मई 2023 को जारी राजपत्र में सहायक शिक्षक एवं शिक्षक पद पर न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं एवं स्नातक में 45% कर दिया गया और विभाग द्वारा विशेष अनुमति याचिका लेकर उक्त प्रकरण को सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में प्रस्तुत कर दिया गया है।


विभाग द्वारा केवल रायपुर जिला नोडल में सत्यापन कराये उम्मीदवारों के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट गए हैं, RTI से प्राप्त जानकारी अनुसार न्यायालय के फैसले के पूर्व भी शिक्षक भर्ती 2019 में ही सहायक शिक्षक के पद पर कई अभ्यर्थियों को जिला-राजनांदगांव, गरियाबंद एवं जांजगीर-चांपा में 5% छूट प्रदान कर नियुक्ति दी गई है एवं वे सभी वर्तमान में सेवारत भी है। जिससे यह स्पष्ट होता हैं कि प्रदेश में एक ही भर्ती में अलग-अलग जिलों में अलग-अलग नियमों के तहत् सत्यापन किया गया हैं, जिससे रायपुर जिला नोडल में सत्यापन कराये उम्मीदवार चयन से वंचित हो गए हैं और उच्च न्यायालय में याचिका दायर किये, जहां उन्हें नियुक्ति का फैसला भी दिया गया।

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