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क्या आप भी इलेक्ट्रिक व्हीकल लेने का सोच रहें हैं तो हो जाएं सावधान फस सकते हैं आपके हजारों रुपए।

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छत्‍तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री इतनी हुई कि परिवहन विभाग द्वारा बांटी जाने वाली सब्सिडी का बजट कम पड़ गया। अब प्रदेश 60 हजार से अधिक वाहनों की सब्सिडी की राशि फंसी हुई है।

इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने जा रहे हैं तो जरूर पढ़ें यह खबर, 60 हजार वाहन से ज्यादा मालिकों की फंस गई सब्सिडी
छत्‍तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री इतनी हुई कि परिवहन विभाग द्वारा बांटी जाने वाली सब्सिडी का बजट कम पड़ गया। अब प्रदेश 60 हजार से अधिक वाहनों की सब्सिडी की राशि फंसी हुई है।

छत्‍तीसगढ़ में इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री इतनी हुई कि परिवहन विभाग द्वारा बांटी जाने वाली सब्सिडी का बजट कम पड़ गया। अब प्रदेश 60 हजार से अधिक वाहनों की सब्सिडी की राशि फंसी हुई है।पेट्रोल-डीजल की महंगाई के बाद लोगों ने राहत के लिए इलेक्ट्रानिक गाड़ियां तो खरीदी, लेकिन जिस सब्सिडी की उम्मीद छत्‍तीसगढ़ सरकार से की गई थी, वह सब्सिडी लोगों को नहीं मिल पाई है।

अधिकारियों का कहना है कि सब्सिडी के लिए बजट में प्राविधान रखा जाएगा। इस संबंध में परिवहन विभाग में एक बैठक हो चुकी है। परिवहन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 60 से 62 हजार वाहन मालिकों को ई-व्हीकल की खरीदी पर 20 हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक की सब्सिडी नहीं मिल पाई है। राज्य में ई-व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए ई-व्हीकल पालिसी लागू की गई है।
सब्सिडी वाहन मालिकों के खाते में भेजी जाती है। प्रदेश में आखिरी बार विधानसभा चुनाव के आचार संहिता लगने के पहले जुलाई महीने में राशि जारी की गई। परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में अब तक 7,656 वाहन मालिकों को 14 करोड़ 29 लाख रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।

कम पड़ गया 15 करोड़ रुपये का बजट
परिवहन विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक इलेक्ट्रिक व्हीकल की सब्सिडी के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 15 करोड़ रुपये का बजट रखा गया था,लेकिन एक वर्ष के भीतर प्रदेश में रिकार्ड गाड़ियों की बिक्री हुई। सब्सिडी का यह आंकड़ा बढ़कर 80 करोड़ रुपये पहुंच चुका है।

छत्तीसगढ़ में ई-व्हीकल पालिसी

पूर्ववर्ती सरकार ने प्रदेश में ई-व्हीकल पालिसी लागू की है, जिसके मुताबिक अधिकतम सब्सिडी वाहनों के मूल्य का अधिकतम 10 प्रतिशत या डेढ़ लाख रुपये की राशि शामिल हैं। यह वाहन मालिकों के खाते में ट्रांसफर किए जाते हैं। यह नीति एक अप्रैल 2022 को पांच वर्ष के लिए लागू की गई थी।

7600 में ही बंट गई 15 करोड़ रुपये की राशि

जानकारी के मुताबिक प्रदेश में 15 करोड़ रुपये की राशि 7600 ई-व्हीकल वाहन मालिकों में बंट गई, जबकि बाकी 60 से 62 हजार लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है। प्रदेश में एक वर्ष के भीतर लगभग 90 हजार इलेक्ट्रिक व्हीकल की बिक्री हुई।

परिवहन विभाग के उप सचिव आरपी पांडेय ने कहा, गाड़ियों की बिक्री ज्यादा होने की वजह से परिवहन विभाग का बजट कम पड़ गया। सब्सिडी प्रदान करने के संबंध में बैठक हुई है। बजट-सत्र के लिए प्रस्ताव भेजा जा रहा है।

इलेक्ट्रिक व्हीकल पर छत्‍तीसगढ़ में यह प्राविधान

  1. रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस में छूट।
  2. बैटरियों के लिए रिसाइकिल इकोसिस्टम।
  3. सार्वजनिक परिवहनों में इलेक्ट्रिक बसों का उपयोग।
  4. प्रदेश में ईवी निर्माताओं को प्रोत्साहन, उद्योगों के लिए छूट व अन्य सब्सिडी।
  5. चार्जिंग स्टेशनों की व्यापक नेटवर्क की स्थापना।
  6. राज्य में ईवी विकास निगम लिमिटेड की स्थापना करना।

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