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स्वामी आत्मानंद स्कूलों को बंद करने की उठी मांग… अंकभारती के संस्थापक ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर कहा – बंद हो स्वामी आत्मानंद स्कूल

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कांग्रेस की सरकार बदलते ही स्वामी आत्मानंद स्कूलों को बंद करने की मांग अब प्रमुखता से उठने लगी है । स्वामी आत्मानंद स्कूलों में डीएमएफ फंड से हुए भ्रष्टाचार की जांच को लेकर भी आवाज़ उठ रही हैं इसी बीच स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के नाम पर हिंदी माध्यम स्कूलों को बंद करने को अनुचित बताते हुए न्यायालय गए अंक भारती के संस्थापक ने तत्काल प्रभाव से आत्मानंद स्कूलों को बंद करने की मांग मुख्यमंत्री से रखी है । मुख्यमंत्री के गृह जिले से संचालित अंकभारती के संस्थापक ने मुख्यमंत्री को स्वामी आत्मानन्द विद्यालय तत्काल बन्द करने हेतु ज्ञापन देते हुए कहा, कि हिन्दी का वह आपात्त काल था, काले दिन थे, जब हिन्दी माध्यम के विद्यालयों को समाप्त करते हुए उनके भूमि, भवन, अर्थ और संसाधन पर बरबस आधिपत्य कर स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट इंग्लिस मीडियम स्कूल खुले। लोगों ने विरोध में पत्र लिखें, धरना प्रदर्शन किये, आन्दोलन चलायें किन्तु राजहट ऐसा कि कुछ सुनने को तैयार नहीं। अन्ततः दर्जनों जनहित याचिकायें उच्च न्यायालय पहुंची। उच्च न्यायालय ने मेरी जनहित याचिका पर निर्णय देते हुए रेखांकित किया कि यह मौलिक अधिकार का हनन, संविधान के अनुच्छेद २७४ का उल्लंघन तथा हिन्दी माध्यम को बंद कर इंग्लिश मीडियम संचालन विधि के विपरीत है। हद तो तब हो गई जब राज्य स्थापना दिवस पर अति उत्साह में तात्कालिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने

घोषणा कर दी कि राज्य के सभी ६००० माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों को स्वामी आत्मानन्द में अपग्रेड किया जाएगा। जनता के कान खड़े हो गये और जनता ने चुनाव में धूल चटा दी। स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों को तत्काल बन्द कर ४०-५० वर्षों से चल रहे हिन्दी माध्यम के विद्यालय को अपने पूर्व नाम और पहचान से पुनः संचालित किया जाए।

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