एक ही प्रदेश में शिक्षकों के लिए अलग-अलग कानून… सरगुजा दुर्ग संभाग में संशोधन पीड़ित शिक्षकों को मिली जॉइनिंग, इधर न्यायधानी में ही हो रहा अन्याय !
यूं तो कहने को बिलासपुर न्यायधानी के नाम से जाना जाता है लेकिन बिलासपुर शिक्षा विभाग की बात करें तो इसे अन्यायधानी कहना भी गलत नहीं होगा क्योंकि जिन्हें न्याय करने की जिम्मेदारी मिली है वह तो स्वयं अन्याय करने पर आमादा है । संशोधन पीड़ित शिक्षकों को न्यायालय से स्पष्ट राहत मिले हुए एक माह से अधिक का समय गुजर चुका है लेकिन पहले विभाग ने मार्गदर्शन के नाम पर जॉइनिंग न देने का खेल खेला तो अब बिलासपुर संभाग में ज्वाइनिंग देने वाले अधिकारी ही आपस में लड़ाई लड़ने में लगे हुए है । हैरान कर देने वाला मामला है कि यहां वर्तमान जेडी और पूर्व जेडी जिन्हें न्यायालय से राहत मिली है कुर्सी के लिए बच्चों की तरह लड़ रहे हैं और पूरा शिक्षा विभाग यह तमाशा देखने को विवश है । जब स्वयं अधिकारी इस तरीके से लड़ाई लड़ रहे हैं तो अन्य के ऊपर ध्यान देने की उन्हें फुर्सत ही कहां होगी यही वजह है कि संशोधन पीड़ित शिक्षकों को बिलासपुर में जॉइनिंग ही नहीं मिल पा रही है जबकि प्रदेश के अन्य संभाग और जिलों में इसी केस में प्रभावित शिक्षा जॉइनिंग ले रहे हैं सबसे बड़ी बात तो यह है कि स्कूल शिक्षा विभाग का राज्य कार्यालय भी आंख मूंदे बैठा हुआ है।