शिक्षाकर्मियों को हो गया करोड़ों रुपए का गलत भुगतान…इधर भारत सरकार के ऑडिट से संसात में शिक्षा विभाग की जान !
प्रदेश में शिक्षा कर्मियों के वेतन भुगतान को लेकर सवाल हमेशा उठते रहे और कई बार यह बात सामने आई की शिक्षा कर्मियों को गलत तरीके से अतिरिक्त भुगतान हो गया लेकिन विभाग ने इसे कभी से संजिंदगी से लिया ही नहीं , गाहे बगाहे इस बात को भी लेकर सवाल उठते रहे की क्या भविष्य में ऑडिट में यह विषय नहीं आएगा इधर अतिरिक्त भुगतान वाले शिक्षक भी इस बात को लेकर आश्वस्त है की पंचायत विभाग से उनका नाता पूरी तरह टूट गया है तो ऐसे में उन्हें किसी प्रकार का रिकवरी का खतरा नहीं है । अब ऐसा ही एक मामला निकलकर सामने आया है हालांकि यह पूरा मामला थोड़ा अलग है क्योंकि इसमें मामला शासन के उस आदेश से जुड़ा है जिसमें शिक्षाकर्मियों को पुनरीक्षित वेतनमान देते समय पहले भत्ते लिखा गया था और जिसे बाद में चुनाव के बाद भत्ता कर दिया गया था । भारत सरकार के नियंत्रक महालेखा परीक्षक का प्रतिवेदन वर्ष 2015-16 सिविल तथा राजस्व प्राप्तियां का लोक लेखा समिति के समक्ष ऑडिट रिपोर्ट के तहत यह जानकारी प्रस्तुत की जानी है की जो अतिरिक्त भुगतान हुआ था उसकी वसूली किस प्रकार से की गई है और हुई भी है कि नहीं इसे लेकर अब लगातार पत्रों का दौर जारी है । दरअसल शिक्षा कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए राशि का अधिकांश हिस्सा केंद्र सरकार जारी करती थी और उसमें राज्य सरकार अपना कुछ हिस्सा मिलकर भुगतान करती थी इसलिए ऑडिट में अब यह बातें निकलकर सामने आ रही है । अतिरिक्त जारी की गई राशि 5 करोड़ से भी अधिक की है । देखे पत्र