आचार संहिता लगते ही शुरू हुआ शिक्षकों में एक दूसरे को निपटाने का दौर…निर्वाचन कार्यालय तक पहुंचने लगी शिकायत…एक शिक्षक हुआ निलंबित
प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लगी हुई है जिसका पालन करना शासकीय कर्मचारियों के लिए अत्यंत आवश्यक है लेकिन आमतौर पर जैसा होता है उसी तर्ज पर नियमों का पालन सामान्य ढंग से हो रहा है लेकिन इस बार जो नई चीज देखने को मिल रही है वह यह देखने को मिल रही है की शिक्षक ग्रुप की चर्चा स्क्रीनशॉट के रूप में निर्वाचन आयोग के पास लगातार पहुंच रही है जबकि पहले ऐसा आमतौर पर होता नहीं था । आदर्श आचार संहिता लगे हुए बमुश्किल 5 दिन हुए हैं और कांकेर के अंतागढ़ विधानसभा का एक शिक्षक आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में निलंबित भी हो चुका है दरअसल उसने ग्रुप में एक पार्टी विशेष के प्रत्याशी को जिताने की बात कही थी और देखते ही देखते यह बात अधिकारियों तक पहुंच गई और मजबूरन अधिकारियों को संबंधित शिक्षक अहिंद्र राय को पहले शो काज नोटिस देना पड़ा और उसके बाद उसे निलंबित करना पड़ा । दरअसल कर्मचारियों के बीच उनके क्लोजड व्हाट्सएप ग्रुप में यह सब चर्चाएं आमतौर पर होते रहती हैं लेकिन पहली बार ऐसा हो रहा है कि स्क्रीनशॉट के जरिए चर्चाएं बाहर आ रही है और संबंधित कर्मचारियों पर कार्रवाई की गाज गिरने लगी है । हालांकि शिक्षकों की भी यह जिम्मेदारी है कि उन्हें ऐसी बातों से बचना चाहिए जिससे उन पर किसी प्रकार का आरोप लगे या उनके ऊपर किसी प्रकार की कार्रवाई हो लेकिन राजनीतिक माहौल में अन्य लोगों की तरह शिक्षक भी रमें हुए हैं यही वजह है की कहीं समर्थन में तारीफ हो जा रही है तो कहीं विरोध में गालियां निकल जा रही है और दोनों ही स्थिति शिक्षकों के लिए सही नहीं है क्योंकि शिक्षक ही एक दूसरे को निपटाने के लिए अब इसे हथियार की तरह उपयोग करने लगे हैं ऐसे में खामोशी ही सही है ।