प्रमोशन में संशोधन कराने वाले शिक्षक बुरे फंसे , वेतन पर भी लग गई रोक और न्यायालय से भी मिल रही केवल नई डेट !
स्कूल शिक्षा विभाग में सहायक शिक्षक से शिक्षक और शिक्षक से प्रधान पाठक पद पर हुए प्रमोशन में जिन शिक्षकों ने संशोधन की राह पकड़ी थी उनकी मुश्किलें अब और ज्यादा बढ़ गई है सबसे पहले सरकार ने प्रमोशन में हुए संशोधन को ही निरस्त कर दिया उसके बाद शिक्षक न्याय की उम्मीद लेकर उच्च न्यायालय पहुंचे तो न्यायालय ने स्टेटस क्यूं यानी मामले को यथावत रखने का निर्देश दे दिया और शासन चालाकी से जवाब प्रस्तुत करने के लिए तीन सप्ताह का समय ले लिया इधर 3 सप्ताह क्या 4 सप्ताह गुजर चुके हैं लेकिन शासन की ओर से जवाब प्रस्तुत नहीं हुआ है और अब सुनवाई की अगली डेट 30 अक्टूबर तय हुई है इधर स्टेटस क्यूं के फेर में फंसे शिक्षक कहीं के नहीं रहे क्योंकि संशोधन वाले स्कूलों से उन्हें एक तरफ कार्य मुक्त कर दिया गया और प्रमोशन के समय जिन स्कूलों में पद स्थापना मिली थी वहां तो वह कार्यभार ग्रहण करना ही नहीं चाहते थे ऐसे में वह मजबूरी में घर में ही बैठे हुए हैं । अब चुकी वह किसी भी संस्था में सेवाएं नहीं दे रहे हैं ऐसे में अधिकारियों ने उनका वेतन रोक दिया है जैसा कि होने की संभावना हमने पहले ही व्यक्त कर दी थी इधर अगली डेट 30 अक्टूबर की मिली है तो इस माह शिक्षकों को वेतन मिलने से रहा, कुल मिलाकर शिक्षकों के सामने अपने परिवार का पेट पालने की समस्या खड़ी हो गई है । राज्य कार्यालय ने शिक्षकों को प्रमोशन के समय मिले कार्यस्थल में पदभार ग्रहण करने की अनुमति दी थी ऐसे में यदि बिलासपुर संभाग की बात करें तो बिलासपुर संभाग में 799 शिक्षकों में से 103 ने ही स्कूलों में ज्वॉइन किया है। 696 शिक्षक स्कूल नहीं जा रहे हैं, इससे इन स्कूलों में पढ़ाई ठप है। इधर, संयुक्त संचालक आर पी आदित्य का स्पष्ट कहना है कि इन शिक्षकों का वेतन जारी नहीं होगा। हर जिले में पढ़ाई प्रभावितआधी-अधूरी पढ़ाई के बीच आनन-फानन में प्रधान पाठकों ने तिमाही परीक्षा भी ले ली। इधर, शिक्षकों ने मामले में हाई कोर्ट में याचिकाएं लगाई हैं, जिस कारण इस मामले में अधिकारी भी खुलकर नहीं बोल पा रहे हैं। बिलासपुर संभाग में 8 जिले हैं, सबसे ज्यादा प्रमोशन के बाद संशोधन बिलासपुर जिले में हुआ था। 258 में 25 ने ज्वॉइनिंग दी है। जांजगीर-चांपा में 146 में 10 ने ज्वाइनिंग दी है। जीपीएम में 20 में 2 और सारंगढ़ बिलाई 17 में 7 ने ज्वॉइन किया है। कोर्ट के आदेश के पहले 20 अगस्त को जेडी और एक बाबू को निलंबित किया गया था।यही हाल पूरे प्रदेश का है कुल मिलाकर 2000 से अधिक शिक्षक घर में बैठे हुए हैं जिससे विभाग को परेशानी हो रही है और शिक्षकों को वेतन नहीं मिलेगा इससे उनका और उनके परिवार को परेशानी होगी कुल मिलाकर कहें तो पूरा मामला ही अब पेचीदा हो गया है क्योंकि न्यायालय का निर्णय कब आएगा यह कोई नहीं जानता ।