CHHATTISGARHकर्मचारी जगतशिक्षकों की खबरसरकारी हलचल

संशोधन मामले में शिक्षकों को बेवजह परेशान करने और उनसे अवैध उगाही करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी, मंत्री रविंद्र चौबे ने FIR के दिए निर्देश…इन पर होंगे FIR !

खबर को शेयर करें

प्रदेश में 2723 शिक्षकों के संशोधन मामले ने बेकसूर शिक्षकों को बलि का बकरा बना दिया क्योंकि पहले नियमों का पालन नहीं हुआ और बाद में जब मजबूरी में शिक्षकों को संशोधन का रास्ता अपनाना पड़ा तो उस रास्ते को भी अब पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया गया है हालांकि इससे शिक्षक काफी नाराज है क्योंकि अंत में सबसे बड़ा नुकसान उन्हीं का हुआ है और इस सच्चाई से कोई इनकार नहीं कर सकता । इधर शिक्षा विभाग में ऑपरेशन क्लीन चला रहे मंत्री रविंद्र चौबे की नजर उन तमाम दलालों पर हैं जिन्होंने इस पूरे खेल का स्वांग रचा यही वजह है कि मामले में FIR दर्ज कराने के निर्देश दे दिए गए हैं । सूत्रों के हवाले से क्योंकि गड़बड़ी संभाग और जिला स्तर पर हुई है अतः FIR भी वही के संबंधित थानों में दर्ज कराए जाएंगे , इससे पहले EOW से मामले की जांच करने की बात भी निकाल कर सामने आ रही थी उसका क्या होगा यह अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन यह पूरी तरह से तय हो चुका है कि इस मामले में दलालों पर कानूनी शिकंजा भी कसेगा ।

कौन आएंगे जद में , किस पर कसेगा शिकंजा !

सबसे पहले तो शिक्षा संभाग के जेडी और बाबू ही इसकी जद में आएंगे क्योंकि उन्होंने ही इस खेल का ताना-बाना रचा है । इसके अतिरिक्त कई जिला शिक्षा अधिकारियों विकासखंड शिक्षा अधिकारियों और एबीईओ ने भी दलाली के खेल में जमकर हाथ रंगे हैं जिसकी जानकारी ऊपर तक पहुंची है । इसके अतिरिक्त अलग-अलग जगह पर अलग-अलग शिक्षक नेताओं ने जमकर दलाली की है और एजेंट के रूप में शिक्षकों से पैसा लेने का काम अधिकांश जगहों पर इन्हीं ने किया है और एक रैकेट बनाकर पूरे मामले को अंजाम दिया है । संशोधन निरस्त होने के बाद अलग-अलग ग्रुप में शिक्षक खुलकर उनका नाम भी लिख रहे हैं जिन्होंने पहले डर का माहौल बनाया और फिर वसूली की । बताते हैं कि ऐसे एजेंटों ने एक-एक केस में ₹50000 से लेकर ₹100000 तक अपने लिए कमाए हैं । यानी यदि ऊपर 1 देना था तो इन्होंने डेढ़ से दो लिया है और अब जब शिक्षक अपने पैसे की वापसी की बात कर रहे हैं तो संशोधन निरस्त होते ही यही एजेंट उन्हें कोर्ट जाने और वहां से 100% राहत मिलने की बात कह रहे हैं ताकि अधिक से अधिक समय टाला जा सके । पुलिसिया कार्रवाई में इनके नाम भी सामने आएंगे । जो जानकारी निकाल कर सामने आ रही है उसके मुताबिक संभाग के कमिश्नरों ने जो जांच की है उसमें लेनदेन की पुष्टि की रिपोर्ट दी है उसी के आधार पर फोर्जरी का मामला दर्ज होगा और फिर पुलिस अपने तहकीकात में जिनके जिनके नाम सामने आएगी उन्हें जद में लेते जाएगी। माना जा रहा है की शुरुआत में भले ही दायरा छोटा हो लेकिन बाद में दायरा बढ़ाते जाएगा ।

शिक्षक नेताओं की आएगी शामत , शिक्षकों से उन्ही के रहनुमाओं ने ही लिया है डायरेक्ट पैसा

शिक्षक संशोधन मामले में अधिकांश जगहों पर अलग-अलग संगठनों के नेताओं ने ही दलाली के पैसे अपने हाथ में लिए हैं और फिर ऊपर पहुंचाया है । ऊपर पहुंचाने के इस खेल में ब्लॉक स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक के शिक्षक नेताओं ने जमकर कमीशन कमाया है । बताते हैं कि संगठित गिरोह के तौर पर यह पूरा काम हुआ जिसमें पहले पीड़ित शिक्षकों को उनके मनपसंद जगह पर पदस्थापना दिलवाने की सांत्वना दी गई और फिर धीरे से उनसे पैसे निकलवाए गए इसके बाद अपना हिस्सा रखकर कार्यालय तक पहुंचाया गया इस खेल में पूरी सहमति शिक्षा संभाग कार्यालय के अधिकारी और बाबुओं की भी थी क्योंकि ऐसा करने से उन्हें जो राशि मिल रही थी वह डायरेक्ट संगठन के नेता के माध्यम से मिल जा रही थी तो उनका रिस्क भी कम हो जा रहा था सारे संभागों में कुछ इसी प्रकार का खेल चला है और यही एजेंट ढूंढ कर केस लाते गए । रायपुर संभाग में एक अकेले नेता ने 132 संशोधन कराए हैं तो वही बिलासपुर संभाग में एक नेता ने लगभग 70 तो दूसरे नेता ने 45 संशोधन कराए है । बिलासपुर में तो यह भी कहा जा रहा है कि एक नेता की धर्मपत्नी का जो मामला खुला है वह इसी प्रमोशन संशोधन मामले में पैसे के लेनदेन को लेकर हुए विवाद के चलते खुला है क्योंकि जिस राशि को लेकर बात हुई थी वह राशि ऊपर पहुंचाई नहीं गई और विवाद बढ़ते गया जिसके बाद यह नया मामला सामने ला दिया गया । हालांकि इसमें सच्चाई है या नहीं अभी यह किसी को पता नहीं लेकिन प्रमोशन संशोधन मामले ने कई और विवादों को जन्म दे दिया है इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता ।

Related Articles

Back to top button