CHHATTISGARHशिक्षकों की खबरसरकारी हलचलहाईकोर्ट की खबर

ड्रीमलैंड हायर सेकेंडरी स्कूल को न्यायालय से मिली राहत…… डीईओ के फैसले पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक….

खबर को शेयर करें

स्कूल की प्राचार्य ने कहा – सत्य हुआ प्रताड़ित पर अंत में हुई जीत….बेहतर शिक्षा को रोकने की कोशिश एक बार फिर हुई नाकाम1

प्रदेश में अपने तरीके के एक अनोखे मामले में जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर ने याचिकाकर्ता की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए जिले के नामी ड्रीमलैंड स्कूल में नए प्रवेश पर ही रोक लगा दी थी और यह निर्देश जारी कर दिया था कि सत्र 2024- 25 में स्कूल किसी भी प्रकार के नए एडमिशन न ले वह भी याचिकाकर्ता (रजनीश साहू) की एक ऐसी शिकायत पर जो सीधे तौर पर स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़ा हुआ मामला भी नहीं है और शिकायत में राजस्व विभाग से लेकर अन्य कई मामले जुड़े हुए थे जिसमें राजस्व विभाग की जांच में स्कूल को पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी ने इन सारे तथ्यों को दरकिनार करते हुए प्रवेश पर रोक लगा दी थी इसके बाद ड्रीमलैंड स्कूल सोसाइटी इस पूरे मामले को लेकर न्यायालय पहुंची और न्यायालय ने जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश पर रोक लगा दी ।

क्या है पूरा मामला

इस पूरे मामले में ( शिकायतकर्ता रजनीश साहू ) ने ड्रीमलैंड स्कूल के कई मामलों को लेकर शिकायत की थी जिसमें सरकारी जमीन पर स्कूल द्वारा बिल्डिंग निर्माण, अवैध तरीके से फीस वसूली जैसे कई मुद्दे शामिल थे उनकी इस शिकायत पर जिला शिक्षा अधिकारी ने आगे कारवाई करते हुए स्कूल द्वारा सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए स्कूल में नए छात्रों के प्रवेश पर ही रोक लगा दी थी जिसे लेकर स्कूल प्रबंधन ने स्कूल शिक्षा विभाग से लेकर (आरटीआई एक्टिविस्ट रजनीश साहू ) तक को पार्टी बनाया और न्यायालय में याचिका दायर की जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश पर रोक लगा दी है ।

दरअसल बीते कई वर्षों से शिकायतकर्ता अलग-अलग प्लेटफार्म पर अलग-अलग तरीके से स्कूल की शिकायतें करते आ रहा है जो जगजाहिर है और न्यायालय ने भी इस विषय को संज्ञान में लिया है ।

इधर इस मामले में

स्कूल प्रबंधन ने न्याय के प्रति अपनी आस्था और विश्वास जताते हुए कहा कि

“सत्य प्रताड़ित हो सकता है परंतु पराजित नहीं”

और हमें हाई कोर्ट से जो न्याय मिला है, वह हमारे लिए और हमारे स्कूल में अध्यनरत बच्चों के भविष्य के लिए एक बेहतर भविष्य को साकार रूप देने में आई क्षणिक अवरोध को हटा कर उज्वल भविष्य हेतु कारगर साबित होगा, क्योंकि हम किसी भी परिस्थितियों में अध्यनरत अथवा नए प्रवेश ले रहे बच्चों की शिक्षा में किसी भी प्रकार का समझौता नहीं कर सकते और यही हमारे संस्थान का मूल आधार है कि शिक्षा में आने वाली हर उस मुश्किल को सत्यरूपी बाण से दूर कर देते है। हमारा एक मात्र उद्देश्य शिक्षा देना है। आज हम बच्चों के बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर है और किसी एक की व्यक्तिगत द्विवेष की भावनान्तर्गत किये गए निरर्थक प्रयासों से स्कूल में अध्ययनरत बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते, इसीलिए माननीय हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए नये सत्र का प्रवेश प्रारम्भ हो चुका है।

Related Articles

Back to top button